सर्दी-खांसी में आज़माएं ये असरदार आयुर्वेदिक काढ़ा – घर पर बनाएं और तुरंत राहत पाएं
बदलते मौसम, धूल, प्रदूषण या कमजोर प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) के कारण सर्दी और खांसी होना आम बात है। खासकर गांव या यात्रा करते समय जब सुविधाएं सीमित होती हैं, तो घरेलू देसी नुस्खे ही सबसे ज़्यादा कारगर साबित होते हैं। इस लेख में हम आपको एक असरदार आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने की विधि बताएंगे, साथ ही सूखी और बलगमी खांसी के अनुसार अलग उपाय भी सुझाएंगे, जो चलते-फिरते भी राहत देंगे।
आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने की विधि
- 1 छोटा टुकड़ा अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- 5 तुलसी के पत्ते
- 1 छोटा चम्मच अजवायन
- 1/2 छोटा चम्मच हल्दी
- 1 दालचीनी का टुकड़ा
- 4-5 काली मिर्च (कुटी हुई)
- 1 चम्मच शहद (उबालने के बाद डालें)
- 2 कप पानी
विधि:
सभी सामग्री को 2 कप पानी में डालकर धीमी आंच पर उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो छान लें। हल्का ठंडा होने पर शहद मिलाकर पिएं।
सूखी खांसी के लिए चलते-फिरते दिनभर के उपाय
- मुंह में मुलैठी (licorice) की जड़ रखें – यह गले को तर रखती है।
- तुलसी का पत्ता दिन में 3-4 बार चबाएं।
- सोंठ (सूखा अदरक) पाउडर + शहद मिलाकर दिन में 2 बार लें।
- गुनगुना पानी सिप-सिप करते रहें।
- ठंडी चीज़ें, फ्रिज का पानी और धूल से बचें।
बलगम वाली खांसी के लिए चलते-फिरते दिनभर के उपाय
- 1 लौंग और 1 काली मिर्च मुंह में रखें, धीरे-धीरे चबाएं।
- पिपली (long pepper) और शहद मिलाकर दिन में 2 बार लें।
- गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें (सुबह-शाम)।
- चाय में तुलसी, सौंठ और काली मिर्च डालकर पिएं।
- तेज मसाले, दूध और दही से परहेज करें जब तक बलगम पूरी तरह साफ न हो।
जरूरी सावधानियां:
- अगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ या खांसी 7 दिन से ज्यादा रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- ये उपाय बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए करने से पहले वैद्य या चिकित्सक से सलाह लें।
निष्कर्ष:
सर्दी और खांसी जैसे सामान्य लक्षणों में देसी आयुर्वेदिक काढ़ा और घरेलू उपाय बहुत असरदार साबित हो सकते हैं। इन्हें अपनाकर आप दवा से बच सकते हैं और अपनी इम्युनिटी भी मजबूत कर सकते हैं। पर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो चिकित्सा सलाह जरूर लें।
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