गिलोय (Giloy) – बुखार, इम्युनिटी और डाइजेशन के लिए रामबाण
गिलोय (Giloy), जिसे आयुर्वेद में 'अमृता' के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत प्रभावशाली जड़ी-बूटी है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर पाचन, त्वचा और बुखार जैसी समस्याओं में रामबाण साबित होती है। आइए विस्तार से जानें कि गिलोय कैसे और कब उपयोग करना चाहिए, और इसके क्या-क्या फायदे हैं।
गिलोय के अद्भुत फायदे
- बुखार में राहत: डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर जैसे बुखारों में यह शरीर का तापमान नियंत्रित करता है और तेजी से रिकवरी में मदद करता है।
- इम्युनिटी बढ़ाए: गिलोय सफेद रक्त कोशिकाओं (WBCs) को एक्टिव करता है जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है।
- पाचन तंत्र को दुरुस्त करे: गैस, कब्ज, और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है और भूख बढ़ाता है।
- ब्लड शुगर कंट्रोल करे: मधुमेह रोगियों के लिए गिलोय प्राकृतिक ब्लड शुगर कंट्रोलर की तरह कार्य करता है।
- त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: खून को शुद्ध करता है जिससे मुहांसे, फोड़े-फुंसी और डैंड्रफ जैसी समस्याओं में सुधार आता है।
- तनाव और चिंता में राहत: मानसिक शांति देने के साथ नींद को बेहतर करता है।
गिलोय का सेवन कैसे करें?
1. गिलोय का काढ़ा
10–15 सेमी गिलोय की बेल को काटकर पानी में उबालें। इसमें तुलसी की पत्तियां और थोड़ी सी सौंठ मिलाकर 10 मिनट तक उबालें। छानकर गर्म या गुनगुना पिएं।
2. गिलोय जूस
गिलोय का तैयार जूस बाजार में उपलब्ध है। सुबह खाली पेट 15–30 ml तक पानी में मिलाकर पिया जा सकता है।
3. गिलोय की गोली
गिलोय की टैबलेट (500mg) दिन में 1–2 बार, भोजन के बाद गर्म पानी के साथ लें। डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर रहेगा।
4. गिलोय पाउडर
आधा चम्मच गिलोय चूर्ण गर्म पानी या शहद के साथ दिन में एक बार लें।
गिलोय का सेवन कब और कितना करें?
- सुबह खाली पेट: इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा समय है।
- रात को खाने के बाद: पाचन और नींद में मदद के लिए रात में भी लिया जा सकता है।
- खुराक: 15–30 ml जूस या 1 गोली, या 1/2 चम्मच चूर्ण रोज़ पर्याप्त होता है।
किन लोगों को सावधानी रखनी चाहिए?
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
- ऑटोइम्यून रोग (जैसे लूपस, रुमेटाइड अर्थराइटिस) वाले लोग पहले सलाह लें।
- ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कब्ज या उलटी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
निष्कर्ष
गिलोय एक प्राकृतिक और सस्ती औषधि है जो शरीर के कई तंत्रों पर एक साथ असर करती है। अगर इसे सही मात्रा और समय पर लिया जाए, तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याओं में सुधार ला सकती है।
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