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मुलैठी (Mulethi) – खांसी, गला और पाचन के लिए देसी वरदान

मुलैठी (Mulethi) – खांसी, गला और पाचन के लिए देसी वरदान

भारत में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की परंपरा सदियों पुरानी है और मुलैठी (जिसे अंग्रेज़ी में Licorice कहा जाता है) उनमें से एक प्रमुख औषधीय पौधा है। यह न सिर्फ स्वाद में मीठी होती है, बल्कि इसके फायदे इतने ज्यादा हैं कि यह आयुर्वेद में 'रामबाण औषधि' मानी जाती है।

रसोई में बैठी एक युवा भारतीय महिला जिसके सामने मेज़ पर मुलैठी

मुलैठी क्या है?

मुलैठी एक प्रकार की जड़ होती है जो विशेष रूप से गले की खराश, खांसी, सांस की तकलीफ, और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए उपयोगी मानी जाती है। इसका प्रयोग पाउडर, चूर्ण, काढ़ा या गोली के रूप में किया जाता है।

मुलैठी के प्रमुख फायदे

  • गले की खराश और खांसी में राहत: मुलैठी गले को शांत करती है और कफ निकालने में मदद करती है।
  • पाचन शक्ति को बढ़ाए: यह पाचन रसों का स्त्राव बढ़ाकर अपच और गैस की समस्या में आराम देती है।
  • इम्यूनिटी को मजबूत करे: मुलैठी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं।
  • सांस की तकलीफ में लाभ: दमा (Asthma) और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में फेफड़ों को राहत देती है।
  • त्वचा और बालों के लिए भी उपयोगी: इसका लेप त्वचा की एलर्जी और सूजन में फायदा करता है।

मुलैठी लेने का सही तरीका और मात्रा

  • खांसी या गले में खराश: 1 चुटकी मुलैठी चूर्ण को शहद के साथ दिन में 2 बार लें।
  • पाचन के लिए: भोजन के बाद 1/4 चम्मच मुलैठी चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
  • काढ़ा: 1 कप पानी में 1/2 चम्मच मुलैठी डालकर उबालें, दिन में एक बार पिएं।
  • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए: सुबह खाली पेट मुलैठी चूर्ण और शहद लें।
  • बच्चों के लिए: डॉक्टर की सलाह से बहुत कम मात्रा में दिया जा सकता है।

सावधानियां और साइड इफेक्ट

  • ब्लड प्रेशर के मरीज अधिक मात्रा में न लें।
  • लंबे समय तक लगातार उपयोग से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें।

मुलैठी का घरेलू उपयोग कैसे करें?

  • गले के लिए: 1 टुकड़ा मुलैठी मुंह में रखकर चूसें।
  • कफ के लिए: मुलैठी, अदरक और तुलसी का काढ़ा बनाकर पिएं।
  • मुंह के छालों में: मुलैठी चूर्ण को शहद में मिलाकर लगाएं।

निष्कर्ष

मुलैठी एक बहुउपयोगी देसी औषधि है जो गले, खांसी, पाचन, त्वचा और इम्यूनिटी के लिए अत्यंत फायदेमंद है। सही मात्रा और विधि से इसका सेवन करने पर यह शरीर को संपूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है। परंतु हर आयुर्वेदिक औषधि की तरह, इसका भी सही तरीका और सीमित मात्रा में उपयोग जरूरी है।


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